बक़ाए मक़सद ए शब्बीर में रहीं शामिल
तुम्हारे लफ्ज़ भी आगे ना आए ज़ैनब से
फ़ज़ीलतों में फ़ज़ीलत जुदा ये है कुलसूम
खड़ी हो काँधे से काँधा मिलाए ज़ैनब से
बक़ाए मक़सद ए शब्बीर में रहीं शामिल
तुम्हारे लफ्ज़ भी आगे ना आए ज़ैनब से
फ़ज़ीलतों में फ़ज़ीलत जुदा ये है कुलसूम
खड़ी हो काँधे से काँधा मिलाए ज़ैनब से