लबों पे अपने सजाया है नाम बाक़िर का
है मुझको नाज़ के मैं हूँ ग़ुलाम बाक़िर का
इमाम पांचवे है कर्बला के क़ैदी भी
ज़माना इस लिए भी है ग़ुलाम बाक़िर का
लबों पे अपने सजाया है नाम बाक़िर का
है मुझको नाज़ के मैं हूँ ग़ुलाम बाक़िर का
इमाम पांचवे है कर्बला के क़ैदी भी
ज़माना इस लिए भी है ग़ुलाम बाक़िर का