Shaan Hai Besheer Main Sab Haider-e-Karrar Ki

दाद देते हूँ मैं खुद को अपने ही अफ़कार की
जब सना होती है मुझसे बेज़बान अंसार की

ताब लाए ना अदू जब दो लबों के वार की
क्या ज़रूरत हो भला बेशीर की हथियार की

दो लबों से ही महाज़े जंग को सर कर लिया
शान है बेशीर में सब हैदर ए कर्रार की

मुस्कराहट ने अली असग़र की साबित कर दिया
हैसियत कुछ भी नहीं है हुरमुला के वार की

बच्चा बच्चा कर रहा है ज़िक्रे हैदर देखिये
ये ज़मानत है ज़बाने मीसमे तम्मार की

सुनके हैदर के फ़ज़ाइल तिलमिलाना देखिये
बुग़ज़े हैदर में क्यों अपनी ज़िन्दगी दुष्वार की

मर के हर एक मुनकिर ए हैदर को ये अफ़सोस है
बुग़ज़े हैदर में गुज़ारी ज़िन्दगी बेकार की

मर्ग पर मेरे खुली रह जाएँ तो ना ढापना
राहें तकती हैं निगाहें आखरी सरकार की

मदह ख्वानी शह का मातम जज़्बा ए नुसरत ज़ुहैर
शीरे मादर ने हर एक खूबी मेरी बेदार की

Daste Shabbeer pe maidan ko chala hai besheer

सिर्फ छह माह में तू कितना बड़ा है बेशीर
सर उठाए ये फलक देख रहा है बेशीर

खूब मालूम है झूला भी वो अजदर भी इसे
हुरमुला खौफ से यूँ काँप रहा है बेशीर

ए ज़मीं आसमां बस क़ल्ब पे काबू रखना
दस्ते शब्बीर पे मैदां को चला है बेशीर

लड़ने आता तो क़यामत सरे मैदान आती
मुस्कुरा कर ही अभी देख रहा है बेशीर

लाश बैयत की गिरी रन में जो आशूर के दिन
रो दिया लश्करे कुफ्फार हसा है बेशीर

कमसिनी मैं भी शरीअत के मुहाफ़िज़ हो तुम
तुम हसे हो तो ये इस्लाम बचा है बेशीर

शान में उसको ये गुलदस्ता बना लाया ज़ुहैर
तेरी मिदहत में जो कुछ इसने लिखा है बेशीर