Nabi Ke Bagh Ka Gul Pehla Mehka Hai Zamane Main

कमी कुछ है अभी बाक़ी उन्हें दिल से बुलाने में
नहीं है देर कुछ भी आखरी हैदर के आने में

हमे तो पाँच बारह और बहत्तर देके भेजा है
तुम्हारे पास भी कोई सहारा है ज़माने में

नबी आये ज़मीं पर फिर अली ओ फातिमा ज़हरा
वसीला तो खुदा ने भी लिया खुदको दिखाने में

जो अब्तर कह रहे थे खुद ही अब्तर हो गए जब से
नबी के बाग़ का गुल पहला महका है ज़माने में

बराबर कैसे कहते हो अली को और तीनो से
फ़ज़ीलत जंग लड़ने में है या फिर भाग जाने में

न जाने क्यों मुसलमानों को ये इक़रार भारी है
रज़ि अल्लाह थे शामिल दरे ज़ेहरा जलाने में