Noke Qalam Se Kaam Liya Hai Husaam Ka

इसमें निहा है लुत्फ़ खुदा के कलाम का
है ज़िक्र जो लबो पे इमाम ए अनाम का

क्यों ना हसन के हुस्न पा यूसुफ निसार हों
दुनिया में सारा हुस्न है इनके ही नाम का

मौला हसन की आमदे पुरनूर के लिए
जश्ने विला सजा है बड़ी धूम धाम का

पहले इमाम बाद में क़ुरआन आएगा
क्या खूब सिलसिला है ये माहे सियाम का

मोजिज़ नुमा की सुल्ह भी मोजिज़ नुमा हुई
नोके क़लम से काम लिया है हुसाम का

सर तक उतर गया पा ना तन को खबर हुई
कितना करीम वार था सुल्हे इमाम का

मंसूबे सब उलट दिया सिब्ते रसूल ने
जीना हराम कर दिया नस्ले हराम का

जबसे ज़ुहैर तुमने सुनाई है मन्क़बत
चेहरा खिला हुआ है हर एक खासो आम का